आज का बाज़ार:एशियाई बाजारों में रौनक, अमेरिकी बाजारों में दबाव; निवेशकों का भरोसा घरेलू बाजारों में कायम
एशियाई बाजारों में आज मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान, दक्षिण कोरिया और चीन के बाजारों में तेजी रही, जबकि हांगकांग बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। जापान का प्रमुख निक्केई इंडेक्स 0.31% की बढ़त के साथ 39,711 अंक पर पहुंच गया है। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.14% की मजबूती के साथ 3,094 अंक पर ट्रेड कर रहा है, जो निवेशकों के बीच सकारात्मक माहौल को दर्शाता है।

वहीं चीन के शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स में भी 0.58% की बढ़त दर्ज की गई है और यह 3,493 अंक पर कारोबार कर रहा है। इसके उलट, हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.86% की गिरावट के साथ 24,094 अंक पर फिसल गया है, जो इस क्षेत्र में कुछ चुनौतियों की तरफ इशारा करता है।
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी
दूसरी तरफ, अमेरिकी बाजारों में कल के कारोबारी सत्र में दबाव देखने को मिला। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 0.94% की गिरावट के साथ 44,406 अंक पर बंद हुआ। नैस्डैक कम्पोजिट में भी 0.92% की गिरावट दर्ज की गई और यह 20,412 अंक पर आ गया। S&P 500 इंडेक्स भी 0.79% टूटकर 6,230 अंक पर बंद हुआ। यह गिरावट निवेशकों में मौजूदा आर्थिक संकेतकों और महंगाई को लेकर बनी चिंता को दर्शाती है।
भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों का भरोसा बरकरार
भारतीय बाजारों में 7 जुलाई को भी घरेलू निवेशकों ने भरोसा बनाए रखा। रुपये की कीमत 82.16 पर रही, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 321.16 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने मजबूती दिखाते हुए 1,853.39 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रही।
मासिक आंकड़ों से भी घरेलू निवेशकों की मजबूत स्थिति उजागर
अगर मासिक रुझानों पर नजर डालें तो जून 2025 में विदेशी निवेशकों ने कुल 7,488.98 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है। इसके बावजूद घरेलू निवेशकों ने बाजार में भरोसा बनाए रखा और 72,673.91 करोड़ रुपये का निवेश किया। मई 2025 में भी यही ट्रेंड देखने को मिला था जब विदेशी निवेशकों ने 11,773.25 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी, लेकिन घरेलू निवेशकों ने 67,642.34 करोड़ रुपये की खरीदारी कर बाजार को सहारा दिया था।
इस तरह एशियाई बाजारों की मजबूती, अमेरिकी बाजारों की कमजोरी और घरेलू निवेशकों का सकारात्मक रुख मिलकर बताते हैं कि भारतीय शेयर बाजार अभी भी मजबूत निवेश भावना के भरोसे टिका हुआ है। आने वाले दिनों में विदेशी संकेतकों के साथ घरेलू निवेशकों का भरोसा बाजार की दिशा तय करेगा।