दिसंबर 2025 से एक बार फिर मोबाइल टैरिफ में 10-12% की बढ़ोतरी होने वाली है, जिससे मिड और हाई-एंड यूजर्स की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। भारती एयरटेल और जियो जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियाँ इस बढ़ोतरी की तैयारी में हैं।
मई 2025 में, भारतीय दूरसंचार बाजार में सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई, जो पिछले 29 महीनों में सबसे अधिक थी। जियो ने अकेले 55 लाख नए सक्रिय मोबाइल उपयोगकर्ता जोड़े, जबकि एयरटेल ने 13 लाख नए उपयोगकर्ता जोड़े। इसके साथ ही, जियो की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 53% हो गई है, जबकि एयरटेल 36% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। कुल मिलाकर, सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या 74 लाख बढ़ी है, जिससे कुल संख्या 1.08 करोड़ तक पहुंच गई है। यह वृद्धि दूरसंचार कंपनियों के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर जुलाई 2024 से नवंबर 2024 के बीच 2.1 करोड़ ग्राहकों के नुकसान के बाद।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार होने के बावजूद, यहां मोबाइल टैरिफ सबसे सस्ते हैं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए जियो ने बेहद कम कीमत की रणनीति अपनाई थी, जिससे अन्य दूरसंचार कंपनियों को भी इसी तरह की रणनीति अपनानी पड़ी। हालांकि, अब कंपनियाँ नुकसान से बचने और राजस्व बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। पिछली बढ़ोतरी (जुलाई 2024 में 11-23% बेस टैरिफ बढ़ोतरी) के बावजूद ग्राहकों ने महंगे प्लान अपनाए, जिससे कंपनियों को अब और बढ़ोतरी करने का प्रोत्साहन मिला है।
इस बार की बढ़ोतरी केवल बेस प्लान तक सीमित नहीं होगी, बल्कि मिड और हाई-एंड यूजर्स को भी प्रभावित करेगी। इसके अलावा, दूरसंचार कंपनियाँ टियर प्राइसिंग वाले प्लान भी पेश कर सकती हैं। इसका मतलब है कि ग्राहक अपनी ज़रूरत के हिसाब से डेटा स्पीड, टाइमबेस प्लान और डेटा बेस प्लान चुनकर भुगतान कर पाएंगे। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह रणनीति ग्राहकों को अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित करेगी, क्योंकि उन्हें कम कीमत पर कम डेटा या सीमित सुविधाएँ मिलेंगी।
संक्षेप में, भारतीय मोबाइल उपयोगकर्ता दिसंबर से अधिक महंगे मोबाइल प्लान के लिए तैयार रहें, क्योंकि दूरसंचार कंपनियाँ अपने राजस्व को बढ़ाने और बाजार की बदलती गतिशीलता के अनुकूल होने की कोशिश कर रही हैं।
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