8th Pay Commission: न्यूनतम 3 प्रमोशन, हर 5 साल में पेंशन रिवीजन और वेतन संरचना में बड़े बदलाव संभव
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशों को लेकर संयुक्त सलाहकार तंत्र (JCM) के स्टाफ साइड ने 15 प्रमुख बिंदुओं वाले प्रस्तावित टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) सरकार को सौंप दिए हैं। अगर ये सुझाव स्वीकार होते हैं, तो करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स को भारी राहत मिल सकती है।

1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है 8th Pay Commission
- प्रस्ताव के अनुसार, नया वेतन ढांचा 1 जनवरी 2026 से लागू करने की सिफारिश की गई है।
- इससे पहले, कर्मचारियों को इंटरिम राहत (Interim Relief) देने की भी मांग की गई है।
न्यूनतम वेतन “लिविंग वेज” के आधार पर तय हो
- कर्मचारियों के लिए ‘Living Wage’ की अवधारणा अपनाने की मांग की गई है।
- 2019 के श्रम मंत्रालय के मानकों के आधार पर, 3.6 उपभोग इकाइयों वाले परिवार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर न्यूनतम वेतन तय हो।
वेतन ढांचे का विलय और सुधार
- जिन वेतन स्तरों (Pay Levels) में ज्यादा अंतर नहीं है, उन्हें विलय कर एक समान किया जाए:
- लेवल 1+2, 3+4 और 5+6 का संभावित मर्जर।
- इससे प्रोमोशन और वेतन दोनों में पारदर्शिता आएगी।
कम से कम तीन प्रमोशन हों सुनिश्चित
- प्रत्येक कर्मचारी को कम से कम तीन प्रमोशन दिए जाने की सिफारिश की गई है।
- MACP स्कीम (Modified Assured Career Progression) को भी और अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने की मांग।
पेंशनरों को राहत: हर 5 साल में रिवीजन और पुरानी योजना की बहाली
- पेंशन हर 5 साल में स्वतः रिवाइज की जाए।
- Commuted Pension की बहाली 15 साल के बजाय 12 साल में की जाए।
- 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए फिर से Defined Benefit Pension Scheme (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली की मांग।
चिकित्सा सुविधाओं और भत्तों में सुधार
- CGHS सेवाओं को बेहतर करने पर जोर।
- Fixed Medical Allowance में बढ़ोतरी की मांग।
- पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा की सिफारिश।
बच्चों की पढ़ाई और एडवांस की सुविधाएं
- बच्चों की शिक्षा भत्ता (CEA) और हॉस्टल सब्सिडी को पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर तक बढ़ाने की मांग।
- बंद किए गए कुछ एडवांस (Advances) फिर से शुरू करने और जरूरत के अनुसार नए एडवांस जोड़ने की बात।
जोखिम भत्ते और बीमा सुरक्षा
- रेलवे और रक्षा सिविल कर्मचारियों के लिए जोखिम/कठिनाई भत्ता।
- खतरनाक सामग्री से जुड़ी जिम्मेदारियों को देखते हुए बीमा और क्षतिपूर्ति की विशेष व्यवस्था।
DA/DR का बेसिक में विलय
- एक निश्चित हिस्से को Dearness Allowance (DA) व Dearness Relief (DR) से काटकर बेसिक पे और पेंशन में मर्ज करने की सिफारिश।
अगला कदम क्या है?
- यह प्रस्ताव फरवरी 2025 में सरकार को सौंपा गया था।
- रक्षा, गृह, कार्मिक मंत्रालय और राज्यों से परामर्श के बाद सरकारी मंजूरी और आयोग का गठन संभावित।
- इसके बाद ही अंतिम सिफारिशें आएंगी और क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू होगी।
8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस पर स्टाफ साइड की ये सिफारिशें कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आ सकती हैं। अगर सरकार इनमें से अधिकांश बिंदुओं को स्वीकार कर लेती है, तो यह वेतन, प्रमोशन, पेंशन और भत्तों के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा सुधार साबित हो सकता है।
https://financialservices.gov.in/beta/en/ups
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