सोना ₹96,838 प्रति 10 ग्राम पहुंचा, चांदी ₹1.07 लाख प्रति किलो पर फिसली: निवेशकों में मिला-जुला रुझान
गुरुवार को घरेलू बाजार में सोना-चांदी के दामों में अलग-अलग रुख देखने को मिला। जहां एक ओर सोना आज तेजी के साथ बंद हुआ, वहीं चांदी के दामों में गिरावट आई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक सोना ₹753 महंगा होकर ₹96,838 प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है। दूसरी तरफ, चांदी ₹1.07 लाख प्रति किलो पर कारोबार कर रही है, जिसमें पिछले सत्र के मुकाबले थोड़ी नरमी आई है।

क्यों बढ़ रहा है सोना?
विशेषज्ञों के मुताबिक, वैश्विक बाजार में डॉलर के कमजोर होने और ब्याज दरों में स्थिरता से सोने को सहारा मिला है। इसके अलावा, शादी-ब्याह और त्योहारों के सीजन ने घरेलू बाजार में मांग को मजबूती दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी मांग बनी रह सकती है, जिससे दामों में स्थिरता या हल्की बढ़त देखी जा सकती है।
ग्लोबल मार्केट में भी सोने ने मजबूती दिखाई है। निवेशक शेयर बाजार और मुद्रा बाजार की अनिश्चितताओं से बचने के लिए सोने को सुरक्षित निवेश मानकर खरीदारी कर रहे हैं। अमेरिका और यूरोप में आर्थिक संकेतक कमजोर हुए हैं, जिससे सोने को सुरक्षित पनाहगाह माना जा रहा है।
चांदी में गिरावट के क्या कारण हैं?
चांदी का इस्तेमाल औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादा होता है — जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और मेडिकल उपकरण। इन सेक्टरों से मांग बढ़ने की उम्मीद तो है, लेकिन वैश्विक मंदी के संकेतों के चलते अभी तक बड़ी मांग नहीं निकल पाई है। यही वजह है कि चांदी में पिछले कुछ दिनों से स्थिरता नहीं बन पाई है और दामों में गिरावट दिख रही है।
इसके अलावा डॉलर इंडेक्स में हल्की मजबूती और इंडस्ट्रियल मेटल्स में वायदा कारोबार की सुस्ती ने भी चांदी की चाल को धीमा किया है।
मौजूदा दाम क्या संकेत देते हैं?
वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, सोना अभी भी 95,000 के ऊपर बना हुआ है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। चांदी भले ही 1.07 लाख प्रति किलो पर है, लेकिन इसमें हल्की गिरावट आने से ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए।
निवेशकों के लिए सलाह
सोना: दीर्घकालिक निवेशक थोड़ी गिरावट आने पर खरीदारी कर सकते हैं। यह सुरक्षित विकल्प माना जाता है, खासकर तब जब बाजार में अनिश्चितता बनी हो।
चांदी: इसमें उतार-चढ़ाव जल्द ही खत्म हो सकता है, लेकिन अभी सावधानी बरतनी जरूरी है। जो निवेशक शॉर्ट टर्म ट्रेड करना चाहते हैं, उन्हें बाजार के संकेतों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
विशेषज्ञों की राय
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर डॉलर में कमजोरी बनी रहती है और कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं, तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। दूसरी ओर, चांदी की मांग अगर इंडस्ट्री से बढ़ती है तो इसमें भी तेजी देखने को मिल सकती है।
छोटे निवेशक अभी थोड़ी गिरावट का इंतजार कर सकते हैं, ताकि सही मौके पर खरीदारी कर सकें। लंबे समय के लिए सोना हमेशा भरोसेमंद रहा है। चांदी में तेजी धीरे-धीरे लौट सकती है, इसलिए इसमें निवेश सोच-समझकर करना चाहिए।