वैश्विक दबाव और TCS के कमजोर नतीजों से डगमगाया शेयर बाजार: सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट, निवेशक सतर्क
गुरुवार, 11 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों और देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजों के कारण दबाव में दिखा। प्री-ओपनिंग में ही GIFT Nifty ने बाजार के कमजोर खुलने के संकेत दे दिए थे, जो बाद में सही साबित हुए।

अमेरिकी टैरिफ़ से वैश्विक बाजार हिल गए
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा समेत कई देशों से आयात होने वाले सामानों पर भारी-भरकम आयात शुल्क (टैरिफ़) लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप के फैसले के मुताबिक, कनाडा से आने वाले स्टील और एल्यूमीनियम पर 35% तक शुल्क लगेगा, जबकि चीन और यूरोप से आने वाले कुछ सामानों पर 15-20% अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। इसके चलते वैश्विक व्यापार तनाव और बढ़ गया है, जिससे अमेरिका, एशिया और यूरोप के शेयर बाजारों में भी बिकवाली देखी जा रही है। इसी दबाव का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
TCS के नतीजे उम्मीद से कमजोर, आईटी शेयरों पर असर
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) के जून तिमाही के नतीजे निवेशकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। कंपनी का रेवेन्यू और मुनाफा, दोनों अनुमान से नीचे रहे। इसके अलावा, मैनेजमेंट ने आगे की ग्रोथ गाइडेंस को लेकर भी सतर्क रुख दिखाया। इस वजह से TCS के शेयरों में गिरावट आई और इसके साथ-साथ Infosys, Wipro और HCL Tech जैसे बाकी आईटी शेयरों में भी दबाव बना रहा। IT सेक्टर में कमजोरी ने निफ्टी और सेंसेक्स दोनों पर नकारात्मक असर डाला।
तकनीकी स्तर और बाजार की चाल:
GIFT Nifty ने दिन की शुरुआत 25,283 के आसपास की, जो बुधवार के मुकाबले करीब 50 अंक नीचे था।
निफ्टी के लिए 25,300–25,200 एक मजबूत समर्थन स्तर माना जा रहा है। अगर यह टूटता है तो 25,000 तक गिरावट की आशंका है।
बैंक निफ्टी भी दबाव में है, 56,600 के नीचे जाने पर इसमें और गिरावट संभव है।

कंपनियों की हलचल:
Hindustan Unilever (HUL) ने Priya Nair को नया CEO और MD नियुक्त किया, जिससे FMCG सेक्टर में हल्की सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई।
Zee Entertainment को वारंट इश्यू प्रस्ताव पर शेयरधारकों की मंज़ूरी नहीं मिल पाई, जिससे प्रमोटर हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना पर रोक लग गई।
Tata Elxsi के नतीजे भी र&D खर्च में कटौती के बावजूद उम्मीद से कमजोर रहे।
बाजार के जानकारों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। कमजोर ग्लोबल संकेत और कॉर्पोरेट अर्निंग सीजन में मिश्रित नतीजे, दोनों ही बाजार की दिशा को तय करेंगे। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने और तकनीकी सपोर्ट स्तरों पर नज़र बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।