Axis Bank Q1 Results: मुनाफे में 3.79% की गिरावट, NII ₹13,560 Cr. पर स्थिर

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Axis Bank Q1 FY26 Results में इस बार बैंक के मुनाफे में 3.79% की गिरावट देखी गई है, जबकि NII ₹13,560 करोड़ रही।जो पिछले वर्ष इसी तिमाही में ₹6,034.64 करोड़ था।

मुख्य वित्तीय बिंदु

संकेतकQ1 FY25Q1 FY26परिवर्तन
शुद्ध लाभ (PAT)₹6,034.64 Cr₹5,806.14 Cr🔻 3.79%
शुद्ध ब्याज आय (NII)₹13,538 Cr₹13,560 Cr🔼 0.16%
नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM)4.05%3.80%🔻 25 bps
कुल आय₹35,844.22 Cr₹38,321.57 Cr🔼 6.9%
ऑपरेटिंग लाभ (PPOP)₹10,106 Cr₹11,515 Cr🔼 13.9%
प्रावधान और आकस्मिकता₹2,039 Cr₹3,947 Cr🔼 93.6%

कमाई में स्थिरता, लाभ में गिरावट का कारण

हालांकि बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) ₹13,560 करोड़ रही — जो साल-दर-साल मामूली रूप से बढ़ी — लेकिन नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) घटकर 3.80% पर आ गई, जो पिछली तिमाही में 4.05%बैंक ने बताया कि लाभ में गिरावट का मुख्य कारण एक “वन‑टाइम टेक्निकल स्लिपेज” रहा, जिसका असर ₹614 करोड़ तक पड़ा। साथ ही प्रावधानों में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी से मुनाफे पर दबाव बना।

बैलेंस शीट का प्रदर्शन

  • कुल एडवांस (ऋण): ₹10.59 लाख करोड़ – साल दर साल 8% वृद्धि
  • कुल जमा (Deposits): ₹11.61 लाख करोड़ – 9% की वार्षिक वृद्धि
  • CASA (Current Account Saving Account) अनुपात: 40% के आसपास स्थिर

रिटेल ऋण खंड बैंक के कुल एडवांस का 59% रहा, जिसमें होम लोन और वाहन ऋण जैसे उत्पादों की हिस्सेदारी अहम रही।

एसेट क्वालिटी और एनपीए स्थिति

  • ग्रॉस एनपीए: बढ़कर 1.57% (Q4 FY25 में 1.28%)
  • नेट एनपीए: बढ़कर 0.45% (Q4 FY25 में 0.33%)

बैंक ने कहा कि तकनीकी बदलावों और एडवांस रिकग्निशन की वजह से एनपीए में यह वृद्धि हुई है, लेकिन इसकी वसूली की पूरी संभावना है।

अन्य आय और शुल्क आधारित कमाई

बैंक की नॉन-इंटरेस्ट इनकम ₹7,258 करोड़ रही, जिसमें से:

  • फीस इनकम: ₹5,746 करोड़ (YoY 10% वृद्धि)
  • ट्रेडिंग इनकम: ₹1,420 करोड़ (YoY 250% से अधिक वृद्धि)

प्रबंधन का बयान

Axis Bank प्रबंधन ने कहा:

“बैंक की बुनियादी स्थिति मजबूत बनी हुई है। यह तिमाही कुछ तकनीकी समायोजन से प्रभावित रही, लेकिन ऑपरेटिंग मेट्रिक्स में मजबूती स्पष्ट है। अगली तिमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।”

Axis Bank ने FY26 की शुरुआत ऑपरेटिंग स्तर पर मजबूत की है, लेकिन प्रावधानों में वृद्धि और तकनीकी स्लिपेज के चलते शुद्ध लाभ पर दबाव देखा गया। भविष्य की दृष्टि से बैंक का ध्यान रिटेल, SME और डिजिटल लोन पर केंद्रित है, जिससे आने वाली तिमाहियों में स्थिर लाभप्रदता की संभावना है।

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