Gold की कीमतों में नया रिकॉर्ड: US Fed की दर कटौती के बाद निवेशकों की नजर गोल्ड पर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने हाल ही में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इस कदम का सीधा असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों और कमोडिटी ट्रेडिंग पर देखा गया है। जहां शेयर बाजारों में तेजी आई, वहीं सोने की कीमतों ने भी नया रिकॉर्ड बना दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में Spot Gold $3,707.40 प्रति औंस तक पहुंच गया, जबकि US Gold Futures $3,717.80 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है। यह सोने की कीमतों का अब तक का सर्वाधिक स्तर है।

क्यों बढ़ी सोने की कीमतें?
सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) माना जाता है। जब भी वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है या ब्याज दरों में कटौती होती है, निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
- ब्याज दरों में कटौती और डॉलर पर दबाव
फेड की ओर से दरों में कटौती के बाद अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट आने से सोने की कीमतों में उछाल देखा गया। - निवेशकों का सुरक्षित विकल्प की तलाश
दर कटौती का मतलब है कि बॉन्ड और अन्य फिक्स्ड-इनकम निवेशों पर रिटर्न घट सकता है। ऐसे में निवेशक सोने को प्राथमिकता देते हैं। - भविष्य की दर कटौती की उम्मीदें
फेड का यह कदम संकेत देता है कि आगे और दर कटौती संभव है। इससे सोने में लंबी अवधि के लिए निवेश आकर्षक हो जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की चाल
- Spot Gold: $3,707.40 प्रति औंस (रिकॉर्ड स्तर)
- US Gold Futures: $3,717.80 प्रति औंस
- Silver: $47.28 प्रति औंस, लगभग 2% की बढ़त
यह उछाल केवल गोल्ड तक सीमित नहीं है। अन्य कीमती धातुओं में भी तेजी देखी गई है।
भारतीय बाजार पर असर
भारतीय बाजार में सोना लंबे समय से निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने का सीधा असर घरेलू बाजारों पर पड़ता है।
- दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में सोना ₹65,000 प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है।
- त्योहारी सीजन और शादियों के चलते मांग और बढ़ सकती है।
- निवेशकों के लिए यह संकेत है कि निकट भविष्य में सोने में और बढ़त संभव है।
निवेशकों के लिए अवसर और जोखिम
अवसर:
- पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन: शेयर और बॉन्ड की तुलना में सोना एक सुरक्षित विकल्प है।
- मुद्रास्फीति से सुरक्षा: महंगाई बढ़ने पर सोना हमेशा बेहतर रिटर्न देता है।
- लंबी अवधि का लाभ: रिकॉर्ड स्तर के बावजूद विशेषज्ञ मानते हैं कि आगे और वृद्धि संभव है।
जोखिम:
- उच्च स्तर पर एंट्री: मौजूदा समय में खरीदने वाले निवेशकों के लिए निकट भविष्य में वोलैटिलिटी की संभावना।
- फेड की भविष्य की नीति: अगर फेड दरों में और बदलाव करता है तो सोने में तेज गिरावट भी आ सकती है।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट विश्लेषकों का मानना है कि फेड की नीतियों और डॉलर की चाल पर सोने की दिशा निर्भर करेगी।
- Bullish दृष्टिकोण: अगर डॉलर कमजोर रहता है और दरों में कटौती जारी रहती है तो सोना और चढ़ सकता है।
- Cautious दृष्टिकोण: वर्तमान स्तर पर मुनाफावसूली की संभावना भी बनी हुई है।
फेड की दर कटौती ने निवेशकों को नया संकेत दिया है और सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। जहां यह निवेशकों को मजबूत रिटर्न दे सकता है, वहीं मौजूदा उच्च स्तर पर एंट्री करने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए। भारतीय निवेशकों के लिए यह समय पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन और गोल्ड ETF जैसे विकल्पों पर विचार करने का हो सकता है।
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