शेयर बाजार में गिरावट: H-1B वीजा शुल्क बढ़ोतरी से IT सेक्टर में हड़कंप, Sensex 460 अंक टूटा, Nifty 25,200 पर बंद
सोमवार, 22 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिनभर के कारोबार में बिकवाली हावी रही और निवेशकों का भरोसा खासकर IT शेयरों पर डगमगाता दिखा।

- Nifty 50: 125 अंक गिरकर 25,200 पर बंद हुआ।
- Sensex: 460 अंक फिसलकर 82,160 पर बंद हुआ।
- Nifty Bank: 174 अंक टूटा और 55,285 पर बंद हुआ।
- BSE Midcap और Smallcap: दोनों इंडेक्स लगभग 0.70–0.80% गिरे।
इस तरह, आज की सेशन क्लोजिंग ने संकेत दिया कि मार्केट फिलहाल दबाव में है और निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
गिरावट की मुख्य वजह: H-1B वीजा शुल्क में बढ़ोतरी
भारतीय IT सेक्टर के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने का फैसला बड़ा झटका साबित हुआ।
- Infosys, TCS, Wipro और Tech Mahindra जैसी कंपनियाँ हर साल हजारों इंजीनियर और टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स को अमेरिका भेजती हैं।
- शुल्क बढ़ने से उनकी ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ेगी और प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव पड़ेगा।
- इसका असर तुरंत शेयर बाजार में दिखा और IT इंडेक्स करीब 2.5% गिर गया।
विश्लेषकों के मुताबिक, “यह कदम आने वाले क्वार्टर में IT कंपनियों की कमाई पर असर डालेगा और निवेशक फिलहाल इस सेक्टर से दूरी बना सकते हैं।”
टॉप गेनर्स और लूज़र्स
आज के टॉप गेनर्स (Nifty 50)
- Adani Enterprises
- Zomato
- Bajaj Finance
- Adani Ports & SEZ
- UltraTech Cement
आज के टॉप लूज़र्स (Nifty 50)
- Tech Mahindra (3% से अधिक गिरावट)
- Infosys
- TCS
- Wipro
- Cipla
स्पष्ट है कि IT शेयरों पर सबसे ज्यादा दबाव रहा, जबकि Adani Group ने बाजार को संभालने की कोशिश की।
सेक्टोरियल परफॉर्मेंस
- IT सेक्टर – सबसे खराब प्रदर्शन, लगभग 2.5% की गिरावट।
- Pharma और FMCG – हल्की कमजोरी।
- Cement और Infra – कुछ कंपनियों ने बाजार को सहारा दिया।
- Adani Group – मार्केट कैप लगभग 6% बढ़ा।
- IIFL Group – सबसे ज्यादा नुकसान में रहा, IIFL Capital Services के शेयरों में गिरावट के कारण।
टेक्निकल एनालिसिस: Nifty और Sensex
Nifty 50
- सपोर्ट लेवल: 25,000 (मनोवैज्ञानिक स्तर)
- रेसिस्टेंस लेवल: 25,400
यदि Nifty 25,000 से नीचे जाता है, तो बाजार और गहरा करेक्शन दिखा सकता है। वहीं 25,400 के ऊपर क्लोजिंग मिलने पर शॉर्ट टर्म रिकवरी संभव है।
Sensex
- सपोर्ट: 82,000
- रेसिस्टेंस: 82,600
निवेशकों के लिए सुझाव
- IT सेक्टर में सतर्कता: H-1B शुल्क वृद्धि का असर आने वाले तिमाहियों में दिखेगा, इसलिए इस सेक्टर में शॉर्ट टर्म निवेश से बचें।
- Adani Group और Infra पर फोकस करें: ये सेक्टर बाजार को सहारा दे सकते हैं।
- SIP जारी रखें: लॉन्ग टर्म निवेशकों को गिरावट को अवसर के रूप में देखना चाहिए।
- स्टॉपलॉस जरूरी: शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को Nifty 25,000 के नीचे स्टॉपलॉस लगाना चाहिए।
ग्लोबल फैक्टर का असर
- अमेरिकी नीति बदलाव भारतीय कंपनियों की ग्रोथ और मुनाफे पर सीधा असर डालते हैं।
- डॉलर-रुपया विनिमय दर भी IT सेक्टर के लिए अहम है।
- अमेरिकी बाजारों की कमजोरी का असर भारतीय स्टॉक्स पर देखने को मिल सकता है।
आगे का रोडमैप
- अगर Nifty 25,000 से ऊपर टिकता है, तो मार्केट धीरे-धीरे रिकवरी कर सकता है।
- H-1B शुल्क नीति पर आगे आने वाली खबरें IT सेक्टर की दिशा तय करेंगी।
- घरेलू मोर्चे पर RBI की नीतियाँ और सरकारी खर्च योजनाएँ बाजार को सहारा दे सकती हैं।
सोमवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए मुश्किल भरा रहा। Sensex 460 अंक टूटा और Nifty 25,200 पर बंद हुआ, जिसकी सबसे बड़ी वजह रही H-1B वीजा शुल्क वृद्धि। IT सेक्टर में भारी बिकवाली हुई, जबकि Adani Group जैसे कुछ शेयरों ने बाजार को सहारा दिया।
आने वाले दिनों में बाजार की चाल काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि Nifty 25,000 के स्तर को कैसे संभालता है। निवेशकों के लिए यही सही समय है कि वे डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो, सावधानीपूर्वक निवेश रणनीति और ग्लोबल फैक्टर्स पर नजर रखें।
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