8th Pay Commission: Fitment Factor 1.8–2.46 के अनुमान से कितनी बढ़ेगी सैलरी? जानें पूरी तुलना
भारत में 8th Pay Commission को लेकर चर्चाएं लगातार बढ़ रही हैं। 7th CPC के लागू होने के लगभग एक दशक बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों में यह उम्मीद है कि 8th Pay Commission आने वाले वर्षों में लागू हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स और विश्लेषकों का प्रारम्भिक आकलन संकेत देता है कि फिटमेंट फैक्टर, महंगाई भत्ते की गणना, वेतन संरचना, पेंशन लाभ और allowances — सभी में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसी वजह से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की नजरें इस पर टिकी हुई हैं।
क्या होता है Fitment Factor और क्यों है यह सबसे महत्वपूर्ण?
Fitment Factor वह गुणांक है जिसके आधार पर नए वेतनमान तय किए जाते हैं। इसे बेसिक पे x Fitment Factor के आधार पर रूपांतरित किया जाता है। 7th Pay Commission में fitment factor 2.57 निर्धारित किया गया था। इसी गुणांक के आधार पर कर्मचारियों को नई वेतन संरचना में स्थानांतरित किया गया।
8th Pay Commission में fitment factor सबसे बड़ा मुद्दा माना जा रहा है, क्योंकि इसी पर वेतन वृद्धि का बड़ा हिस्सा निर्भर करता है। Ambit Capital और Kotak Institutional Equities जैसी ब्रोकरेज रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुमानित fitment factor **1.8 से 2.46** के बीच हो सकता है। यह 7th CPC के 2.57 से थोड़ा कम या लगभग आसपास बैठता है।
विश्लेषक क्या कहते हैं?
ब्रोकरेज रिपोर्ट्स संकेत देती हैं कि सरकार इतना बड़ा वित्तीय भार एक बार में नहीं बढ़ाना चाहेगी, इसलिए fitment factor 7th CPC के मुकाबले अधिक होने की संभावना कम है। हालांकि कुछ कर्मचारी संगठनों की मांग है कि यह गुणांक 3.0 या उससे अधिक होना चाहिए, परन्तु विश्लेषकों का अनुमान अधिक यथार्थवादी रखा गया है।
Fitment Factor 1.8–2.46 पर सैलरी कितनी बढ़ सकती है?
यदि fitment factor 1.8 से 2.46 के बीच रहता है, तो औसतन बेसिक पे में लगभग 15–25% वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि यह वृद्धि 7th CPC के मुकाबले कम मानी जाएगी, लेकिन allowances, DA revision और अन्य लाभ जोड़ने पर कुल वेतन वृद्धि अधिक हो सकती है।
| Fitment Factor | संभावित वृद्धि |
|---|---|
| 1.8 | लगभग 15% बेसिक पे वृद्धि |
| 2.0 | लगभग 20% बेसिक पे वृद्धि |
| 2.26–2.46 | लगभग 22–25% बेसिक पे वृद्धि |
क्या 8th Pay Commission 7th CPC से अधिक लाभ देगा?
7th CPC में basic pay में 14–16% तक की बढ़ोतरी हुई थी। 8th CPC में अनुमानित वृद्धि लगभग इसी के आसपास या थोड़ा अधिक हो सकती है, लेकिन यह fitment factor पर निर्भर करेगा।
हालांकि 8th CPC में allowances की संरचना में कुछ बड़े बदलाव होने की उम्मीद है। विशेष रूप से HRA, travel allowance और medical benefits में सुधार की मांग की जा रही है।
महंगाई भत्ता (DA) की भूमिका
8th CPC से पहले DA लगभग 50% तक पहुंच सकता है। परंपरागत रूप से, जब भी DA 50% के आसपास पहुंचता है, तो सरकार allowances में संशोधन करती है। यही वजह है कि कर्मचारी DA वृद्धि को लेकर भी काफी उम्मीद लगाए हुए हैं।
अगर 8th CPC लागू होता है, तो DA रीसेट हो जाएगा और इसे नई दर से पुनर्गठित किया जाएगा। इससे कर्मचारियों के take-home salary में स्थिरता आएगी, हालांकि शुरुआती महीनों में DA कम दिखाई देगा।
पेंशनर्स पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
पेंशनर्स को fitment factor के आधार पर सीधे लाभ मिलता है। यदि fitment factor 2.0 या उससे अधिक होता है, तो पेंशनर्स की मूल पेंशन में भी उसी अनुपात में वृद्धि होगी।
नई पेंशन प्रणाली (NPS) में शामिल सरकारी कर्मचारियों के लिए भी 8th CPC में कुछ लाभ प्रस्तावित हो सकते हैं, जैसे योगदान दर बढ़ाना या न्यूनतम गारंटीड पेंशन मॉडल पर विचार करना।
8th Pay Commission कब लागू हो सकता है?
सरकार ने अभी तक आधिकारिक रूप से 8th Pay Commission की घोषणा नहीं की है। हालांकि वित्तीय वर्ष 2025–26 में इसकी रूपरेखा तैयार होने की संभावना विशेषज्ञों द्वारा जताई जा रही है। कर्मचारी संघों का दावा है कि सरकार 2026 के बाद इसका क्रियान्वयन शुरू कर सकती है।
सरकारी कर्मचारियों का कुल वेतन कितना बढ़ेगा?
यदि fitment factor 1.8–2.46 के बीच रहता है और DA रीसेट के बाद allowances भी संशोधित होते हैं, तो कुल वेतन में लगभग 25–35% तक की वृद्धि संभव है।
हालांकि यह वृद्धि 7th CPC जितनी तेज नहीं होगी, लेकिन लंबे समय में वित्तीय स्थिरता, allowances के सुधार और पेंशन लाभ के कारण कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
