टैरिफ टेंशन का बाजार पर असर: 40 दिनों में ₹60,000 करोड़ की FII बिकवाली, बैंकिंग और टेक सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी और संभावित व्यापार युद्ध की आशंका ने भारतीय शेयर बाजार में अनिश्चितता पैदा कर दी है। पिछले 40 दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय इक्विटी बाजार से ₹60,000 करोड़ से अधिक की निकासी की है, जिससे बैंकिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारी दबाव देखने को मिला है।

FII बिकवाली का फोकस
JM Financial की एक रिपोर्ट के मुताबिक:
- टेक्नोलॉजी सेक्टर – जुलाई में FII आउटफ्लो का सबसे बड़ा हिस्सा इसी सेक्टर से गया।
- बैंकिंग एवं फाइनेंस (BFSI) – टेक सेक्टर के बाद सबसे ज्यादा बिकवाली यहीं हुई।
- इन दोनों सेक्टरों पर दबाव के बावजूद, FIIs की भारतीय इक्विटी होल्डिंग्स में इनका बड़ा हिस्सा बना हुआ है।
FIIs की बिकवाली का डेटा (पिछले 40 दिन)
FII Outflow — Last 40 Days (Summary)
Foreign Institutional Investors (FIIs) have withdrawn ₹60,000+ crore in the last 40 days — major pressure on Technology & BFSI sectors.
| Investor | Capital Outflow | Main Affected Sectors |
|---|---|---|
| Foreign Institutional Investors (FIIs) | ₹60,000 crore+ | Technology, Banking & Finance (BFSI) |
| Domestic Institutional Investors (DIIs) | Data not available | Data not available |
Note: Figures are based on market reports for the preceding 40-day period. Replace logo URL with your site’s logo file for branding.
निवेश के अपवाद – जिन सेक्टरों में FII खरीदारी जारी
बिकवाली के माहौल के बावजूद, विदेशी निवेशकों ने मेटल, सर्विसेज, FMCG, टेलीकॉम और केमिकल्स सेक्टर में निवेश किया है।
विशेषज्ञों की राय
- टैरिफ वार्ता रणनीति हो सकती है – कई मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ घोषणाएं बातचीत का एक हिस्सा हो सकती हैं और दीर्घकालिक असर उतना गंभीर नहीं होगा।
- बिकवाली में कमी की उम्मीद – अगर वैश्विक व्यापार तनाव कम होते हैं तो FII आउटफ्लो में गिरावट संभव है।
- घरेलू निवेशकों की बढ़ती भूमिका – पिछले एक दशक में FIIs की हिस्सेदारी घटी है, जिससे भारतीय बाजार में DIIs की ताकत बढ़ी है।
