FII की रिकॉर्ड बिकवाली: ट्रंप की टैरिफ नीति से हिले भारतीय शेयर बाज़ार, ₹42,000 करोड़ से ज़्यादा निकासी
FII बिकवाली : भारतीय शेयर बाजार को एक बड़ा झटका तब लगा जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने रिकॉर्ड स्तर पर ₹42,000 करोड़ से अधिक की शुद्ध बिकवाली की। इस घटनाक्रम की प्रमुख वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 25% टैरिफ लगाने की दोबारा घोषणा रही, जिसने वैश्विक व्यापार और निवेशकों के मनोबल पर गहरा असर डाला।
FII बिकवाली के प्रमुख कारण
- ट्रंप की संरक्षणवादी नीति:
25% टैरिफ के ऐलान से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका गहराई, जिससे FIIs ने उभरते बाज़ारों से दूरी बनाई। - वैश्विक मंदी की आशंका:
अमेरिका-यूरोप में संभावित मंदी और ऊंची ब्याज दरों के प्रभाव से जोखिम-प्रवृत्ति में गिरावट आई। - डॉलर का मज़बूत होना:
डॉलर को ‘सेफ हेवन’ मानकर निवेशक अमेरिकी संपत्तियों की ओर लौटे। - भारतीय बाज़ार का ऊंचा मूल्यांकन:
अधिक वैल्यूएशन के चलते FIIs मुनाफावसूली के मूड में दिखे।

बाजार पर आगे का संभावित असर
- रुपये पर दबाव: डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया आयात महंगा कर सकता है।
- ब्याज दरों का समीकरण: RBI पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बन सकता है।
- DIIs का रोल: घरेलू निवेशक फिलहाल बाज़ार को सपोर्ट कर सकते हैं लेकिन बड़ी बिकवाली के आगे उनकी भूमिका सीमित हो सकती है।
- नीतिगत प्रतिक्रियाएं: सरकार को निर्यात और घरेलू मांग को मज़बूत करने वाली नीतियां अपनानी पड़ सकती हैं।

विशेषज्ञ की राय (Expert Take):
“ट्रंप की संभावित जीत के परिदृश्य में वैश्विक निवेश पैटर्न तेजी से बदल सकते हैं। भारतीय निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को विविधीकृत करना ज़रूरी है।”
— वित्तीय विश्लेषक, Paisabeat.com
जुलाई में FIIs की बड़ी निकासी न केवल बाजार को झटका देती है बल्कि आने वाले समय में अस्थिरता का संकेत भी है। Paisabeat.com आपको आने वाले हर निवेश जोखिम और अवसर की जानकारी समय रहते पहुंचाता रहेगा।
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