GST में छूट के बावजूद 1–4% बढ़ सकते हैं बीमा प्रीमियम: जानिए वजह

0

GST काउंसिल ने 56वीं बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18% GST को शून्य प्रतिशत कर दिया है, यानी अब इसे छूट मिली है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ग्राहकों को तत्काल फायदा मिलेगा।

बीमा कंपनियों पर क्या असर?

GST छूट के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ भी खत्म हो गया है। इसका मतलब है—बीमा कंपनियाँ अब अपनी अन्य खर्चों (जैसे कमीशन आदि) पर GST चुकाएंगी, लेकिन उसे कटौती नहीं कर सकतीं। 

CLSA जैसे ब्रोकरेजों का अनुमान है कि इस वजह से बीमा प्रीमियम में 1–4% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। 

ग्राहक को क्या फायदा

हालांकि प्रीमियम बढ़ सकता है, लेकिन यह बढ़ोतरी उस घटाव से कम होगी जो पहले GST के रूप में लिया जाता था।

उदाहरण:

  • पहले: ₹100 प्रीमियम + 18% GST = ₹118
  • अब: GST शून्य में, लेकिन बढ़ी हुई लागत के कारण बेस प्रीमियम धरा जाए ₹106.3  

इससे ग्राहक को अभी भी लाभ होगा—लेकिन उतना नहीं जितना शून्य GST प्रतीत करता है।

अन्य पहलू: बाजार, प्रतिक्रिया और फैसला

  • बाजार प्रतिक्रिया: HDFC Life, SBI Life, LIC, Star Health सहित अन्य बीमा कंपनियों के शेयरों में 2-3% तक तेजी देखी गई।  
  • GST सुधार ‘GST 2.0’ पर प्रतिक्रिया: CII अध्यक्ष का कहना है कि यह सुधार “राशनात्मक है और आसान” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है; नए रेट्स 22 सितंबर से लागू होंगे।  
  • चाहे छूट हो, लेकिन लाभ सीमित: Group of Ministers ने पहले ही GST छूट प्रस्तावित की है—परन्तु बीमा कंपनियों की वित्तीय चुनौती भी बनी रहेगी।  

GST में छूट का उद्देश्य रहा—ग्राहकों को राहत पहुंचाना। लेकिन वास्तविक प्रभाव बीमा कंपनियों की रणनीति और बाजार परिस्थिति पर निर्भर करेगा। यदि कंपनियाँ कुछ लाभ ग्राहकों को देते हैं, तो यह नीति सफल होगी; वरना, लाभ सीमित ही रहेगा।

यह भी पढ़ें: https://paisabeat.com/new-gst-rates-two-slab-what-gets-cheaper-full-list-2025/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights