अमेरिका ने नए H-1B वीज़ा के लिए $100,000 शुल्क लगाया, जो नए आवेदन पर लागू होगा। भारतीय छात्रों और माता-पिताओं में चिंता बढ़ी है, US स्टडी प्लानों का ROI प्रभावित हो सकता है।
नई नीति: क्या बदला है?
अमेरिका ने हाल ही में H-1B वीज़ा शुल्क $100,000 करने का फैसला लिया है। यह शुल्क उन कंपनियों को देना होगा जो विदेशी कर्मचारियों के लिए H-1B पिटीशन दर्ज कराती हैं।
यह कदम भारतीय छात्रों और उनके माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन गया है क्योंकि US स्टडी का सबसे बड़ा आकर्षण यही था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद OPT और H-1B वीज़ा के जरिए नौकरी और स्थायी करियर बनाया जा सकता है।
माता-पिता और छात्रों की चिंता क्यों बढ़ी?
ROI (Return on Investment) पर सवाल
US में पढ़ाई करने वाले छात्रों के परिवार अक्सर लाखों रुपये का निवेश करते हैं — शिक्षा ऋण लेते हैं, प्रॉपर्टी गिरवी रखते हैं और बचत खर्च करते हैं। अब अगर H-1B का रास्ता महंगा और मुश्किल हो जाए तो पढ़ाई का ROI (Return on Investment) कमजोर पड़ सकता है।
नौकरी पाने की संभावना घटेगी
कंपनियाँ $100,000 अतिरिक्त शुल्क देने से पहले कई बार सोचेंगी। खासकर:
माता-पिता की चिंता
माता-पिता जिन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़े सपने देखे थे, वे अब सवाल कर रहे हैं कि:
शिक्षा ऋण और आर्थिक दबाव
भारतीय छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई पहले से ही महँगी है। इसमें शामिल होते हैं:
अब यदि H-1B के रास्ते में यह $100,000 का शुल्क जुड़ जाता है, तो बैंकों और NBFCs के लिए भी खतरा बढ़ जाता है। शिक्षा ऋण का बोझ और बढ़ेगा और NPA (Non-Performing Assets) का रिस्क भी ऊँचा होगा।
विकल्पों की तलाश
दूसरे देशों की ओर रुख
छात्र अब केवल अमेरिका पर निर्भर नहीं रहना चाहते। कई लोग ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, UK और पोलैंड जैसे विकल्प तलाश रहे हैं जहाँ:
📚 करियर प्लानिंग में बदलाव
कई छात्र अब सोच रहे हैं कि US जाने से पहले Plan B तैयार करें:
कौन से छात्र कम प्रभावित होंगे?
नई नीति से हर छात्र पर समान असर नहीं होगा।
छात्रों और परिवारों के लिए सुझाव
$100,000 H-1B वीज़ा शुल्क ने भारतीय छात्रों और माता-पिता के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। US शिक्षा अब केवल “सपनों की डिग्री” नहीं रही, बल्कि यह एक आर्थिक जोखिम बनती जा रही है।
हालांकि, सही रणनीति, वैकल्पिक विकल्पों पर ध्यान और हाई-डिमांड स्किल्स के साथ अभी भी अमेरिकी सपने को हासिल करना संभव है। लेकिन अब हर परिवार को यह सोचना होगा कि US स्टडी का निवेश उनके लिए वाकई सही है या नहीं।
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