ITR Filing 2025: किस टैक्स स्लैब में है आपकी कमाई? कौन सा टैक्स रेजीम है फायदेमंद?

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ITR फाइल करने की आखिरी तारीख भले ही 31 जुलाई 2025 हो, लेकिन सही टैक्स रेजीम चुनना और संभावित कटौतियों को समझना बेहद ज़रूरी है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने दो टैक्स रेजीम – पुराना और नया – जारी रखे हैं, और दोनों के अपने फायदे-नुकसान हैं।

नया बनाम पुराना टैक्स रेजीम: कौन है बेहतर?

आय सीमा (₹) नया टैक्स रेजीम पुराना टैक्स रेजीम
0 – 3 लाख 0% 0%
3 – 6 लाख 5% 5%
6 – 9 लाख 10% 20%
9 – 12 लाख 15% 20%
12 – 15 लाख 20% 30%
15 लाख से ऊपर 30% 30%

ध्यान दें: नए टैक्स रेजीम में कोई मानक छूट (स्टैंडर्ड डिडक्शन) और सेक्शन 80C, 80D जैसी कटौतियां नहीं मिलतीं, जबकि पुराने रेजीम में ये लाभ मिलते हैं।

किन्हें चुनना चाहिए नया टैक्स रेजीम?

  • जिन्हें बहुत ज़्यादा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट्स नहीं करने
  • जिनका सैलरी स्ट्रक्चर सीधा-सपाट है
  • जिन्हें जल्दी और सरल रिटर्न फाइल करना है

पुराने टैक्स रेजीम का फायदा किन्हें?

  • जो लोग HRA, 80C, 80D, होम लोन आदि के ज़रिए टैक्स में बड़ी छूट पाते हैं
  • जिनके पास निवेश की अच्छी प्लानिंग है

FY 2024-25 में क्या मुख्य बदलाव हुए हैं?

  • नया टैक्स रेजीम अब डिफॉल्ट विकल्प बन गया है। यानी अगर आप कुछ नहीं चुनते, तो ITR इसी के तहत भरा जाएगा।
  • ₹7 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं (नए रेजीम में रिबेट का लाभ)
  • पुराने रेजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000, 80C में ₹1.5 लाख तक, 80D में हेल्थ इंश्योरेंस पर ₹25,000 तक की छूट

टैक्स बचाने के आसान उपाय (पुराने रेजीम में)

सेक्शन अधिकतम छूट (₹) विवरण
80C 1,50,000 LIC, PPF, ELSS, EPF आदि
80D 25,000 हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
24(b) 2,00,000 होम लोन ब्याज
10(14) वैरिएबल HRA, LTA आदि
  • अगर आपकी इनकम ₹7 लाख से कम है और आपने टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं किए, तो नया रेजीम ज़्यादा फायदेमंद है।
  • यदि आपने सेक्शन 80C/80D में निवेश किया है और होम लोन आदि की छूट मिल रही है, तो पुराना रेजीम आपके लिए बेहतर रहेगा।

ITR फाइल करने की प्रक्रिया (Step-by-Step)

  1. डॉक्युमेंट्स तैयार करें:
    • फॉर्म 16 (सैलरीड लोगों के लिए)
    • आधार, पैन कार्ड
    • बैंक स्टेटमेंट
    • निवेश के प्रमाण (80C/80D आदि)
    • होम लोन, इंश्योरेंस आदि के डॉक्युमेंट
  2. ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें:
  1. ‘e-File’ टैब पर जाएं और ITR फॉर्म चुनें:
    • सामान्यतः सैलरीड वर्ग के लिए ITR-1
  2. ITR फॉर्म भरें:
    • व्यक्तिगत जानकारी
    • इनकम डीटेल
    • टैक्स डिडक्शन
    • बैंक डीटेल्स
  3. टैक्स कैलकुलेट करें और रिव्यू करें:
    • टैक्स रिफंड या टैक्स देनदारी को जांचें
  4. फाइलिंग करें और वेरिफाई करें:
    • OTP द्वारा e-Verify करें या ITR-V प्रिंट करके भेजें
  • ₹7 लाख तक की सालाना इनकम पर नए रेजीम में कोई टैक्स नहीं देना होगा (छूट की वजह से)।
  • पुराना रेजीम उन लोगों के लिए उपयोगी है जो बड़ी मात्रा में निवेश करते हैं।
  • नया रेजीम सरल, तेज और सीमित डॉक्युमेंट्स के साथ बेहतर विकल्प बनता जा रहा है।

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