मार्केट्स में बड़ी गिरावट: Nifty 24,900 के नीचे फिसला, सेंसेक्स 555 अंक टूटा – 5 अहम वजहें

0

भारतीय शेयर बाजार ने हफ्ते के अंतिम सत्र में निवेशकों को करारा झटका दिया। शुक्रवार को सेंसेक्स 555 अंक गिरकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 24,900 के नीचे फिसल गया। लगातार कई दिनों की तेजी के बाद अचानक आई इस गिरावट ने निवेशकों के पोर्टफोलियो की वैल्यू पर गहरा असर डाला।

लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई? इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि इस गिरावट के पीछे क्या कारण रहे, किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा दबाव दिखा और निवेशकों को आगे कैसी रणनीति अपनानी चाहिए।

1. ग्लोबल मार्केट्स से मिले कमजोर संकेत

भारतीय बाजार की गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशी संकेत रहे।

  • अमेरिकी बाजार में मंदी का डर और फेडरल रिजर्व की सख्त ब्याज दर नीति ने निवेशकों को बेचैन कर दिया।
  • यूरोप और एशिया के बाजार भी दबाव में रहे। हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स और जापान का निक्केई लाल निशान पर बंद हुआ।
  • विदेशी निवेशकों की बिकवाली (FII Selling) भारतीय बाजार पर सीधा असर लेकर आई।

नतीजा – घरेलू निवेशकों में भी सतर्कता बढ़ी और भारी बिकवाली देखने को मिली।

2. IT और टेक्नोलॉजी शेयरों में भारी गिरावट

आज की गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान आईटी सेक्टर को उठाना पड़ा।

  • निफ्टी आईटी इंडेक्स लगभग 3% टूटा।
  • इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक और विप्रो जैसी दिग्गज कंपनियों में 2–4% की गिरावट दर्ज हुई।
  • H-1B वीज़ा फीस में बढ़ोतरी और अमेरिकी टेक कंपनियों की कमजोरी ने भारतीय IT सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया।

आईटी सेक्टर की कमजोरी ने निफ्टी को सीधे नीचे खींच लिया।

3. बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर दबाव में

  • बैंकिंग सेक्टर में HDFC Bank, ICICI Bank और Axis Bank जैसे शेयरों पर दबाव रहा।
  • निवेशकों को डर है कि ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रह सकती हैं, जिससे क्रेडिट ग्रोथ पर असर पड़ेगा।
  • निफ्टी बैंक इंडेक्स भी गिरावट के साथ बंद हुआ।

बैंकिंग सेक्टर का लाल निशान में जाना बाजार के लिए बड़ा झटका साबित हुआ।

4. प्रॉफिट बुकिंग और मिडकैप-स्मॉलकैप में बिकवाली

  • पिछले कई सत्रों से बाजार ऊपरी स्तरों पर कारोबार कर रहा था।
  • निवेशकों ने मुनाफा सुरक्षित करने के लिए भारी प्रॉफिट बुकिंग की।
  • मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में सबसे तेज बिकवाली दर्ज हुई, जिससे बाजार की चौड़ाई कमजोर हुई।

इसका सीधा असर सेंटीमेंट पर पड़ा और निफ्टी 24,900 के नीचे चला गया।

5. क्रूड ऑयल और रुपये की कमजोरी

  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़कर 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गईं।
  • वहीं रुपया डॉलर के मुकाबले 83.60 पर कमजोर हुआ।
  • महंगे क्रूड और कमजोर रुपये ने आयात-आधारित कंपनियों और निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया।

सेक्टोरल परफॉर्मेंस: कौन जीता, कौन हारा?

  • आईटी और टेक्नोलॉजी – सबसे ज्यादा नुकसान, 3% तक की गिरावट।
  • बैंकिंग और फाइनेंशियल्स – लाल निशान में बंद।
  • FMCG और फार्मा – अपेक्षाकृत सुरक्षित रहे, हल्की तेजी।
  • मेटल और ऑटो – मामूली गिरावट।

निवेशकों के लिए सीख

आज की गिरावट निवेशकों के लिए कई अहम संकेत देती है:

  • शॉर्ट-टर्म वोलाटिलिटी जारी रहेगी, इसलिए जल्दी मुनाफा कमाने की रणनीति से बचें।
  • लॉन्ग-टर्म निवेशक गुणवत्ता वाले शेयरों (bluechips, largecaps) में SIP या staggered निवेश जारी रख सकते हैं।
  • आईटी और बैंकिंग सेक्टर में फिलहाल सावधानी बरतनी चाहिए।
  • FMCG और फार्मा जैसे डिफेंसिव सेक्टर्स में स्थिरता मिलने की उम्मीद है।

भारतीय शेयर बाजार में आज की गिरावट को एक सामान्य करेक्शन भी माना जा सकता है। निफ्टी का 24,900 से नीचे जाना और सेंसेक्स का 555 अंक टूटना निवेशकों के लिए चिंता का संकेत है, लेकिन इसे घबराने की बजाय खरीदारी का अवसर भी माना जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights