भारतीय शेयर बाजार ने हफ्ते के अंतिम सत्र में निवेशकों को करारा झटका दिया। शुक्रवार को सेंसेक्स 555 अंक गिरकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 24,900 के नीचे फिसल गया। लगातार कई दिनों की तेजी के बाद अचानक आई इस गिरावट ने निवेशकों के पोर्टफोलियो की वैल्यू पर गहरा असर डाला।
लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई? इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि इस गिरावट के पीछे क्या कारण रहे, किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा दबाव दिखा और निवेशकों को आगे कैसी रणनीति अपनानी चाहिए।
1. ग्लोबल मार्केट्स से मिले कमजोर संकेत
भारतीय बाजार की गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशी संकेत रहे।
नतीजा – घरेलू निवेशकों में भी सतर्कता बढ़ी और भारी बिकवाली देखने को मिली।
2. IT और टेक्नोलॉजी शेयरों में भारी गिरावट
आज की गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान आईटी सेक्टर को उठाना पड़ा।
आईटी सेक्टर की कमजोरी ने निफ्टी को सीधे नीचे खींच लिया।
3. बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर दबाव में
बैंकिंग सेक्टर का लाल निशान में जाना बाजार के लिए बड़ा झटका साबित हुआ।
4. प्रॉफिट बुकिंग और मिडकैप-स्मॉलकैप में बिकवाली
इसका सीधा असर सेंटीमेंट पर पड़ा और निफ्टी 24,900 के नीचे चला गया।
5. क्रूड ऑयल और रुपये की कमजोरी
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निवेशकों के लिए सीख
आज की गिरावट निवेशकों के लिए कई अहम संकेत देती है:
भारतीय शेयर बाजार में आज की गिरावट को एक सामान्य करेक्शन भी माना जा सकता है। निफ्टी का 24,900 से नीचे जाना और सेंसेक्स का 555 अंक टूटना निवेशकों के लिए चिंता का संकेत है, लेकिन इसे घबराने की बजाय खरीदारी का अवसर भी माना जा सकता है।
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