भारतीय फैशन ई-कॉमर्स दिग्गज Myntra अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर आ गई है। मिंत्रा पर ₹1,654 करोड़ के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नियमों के उल्लंघन का आरोप है। यह मामला भारत के ई-कॉमर्स नियमों और FDI नीति के गंभीर उल्लंघन से जुड़ा हुआ है।
ED ने FDI नीति के तहत कंपनी के संचालन में आई अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है, और इसमें कई लेन-देन को संदिग्ध माना गया है।
Myntra पर मुख्य आरोप:
जांच में यह भी सामने आया है कि मिंत्रा ने FDI फंड्स का उपयोग इन्वेंट्री आधारित मॉडल में किया, जो स्पष्ट रूप से नीति के विरुद्ध है।
कंपनी ने विदेशी निवेश से प्राप्त धन का अनुचित ढंग से उपयोग किया।
भारत की FDI नीति के तहत B2C (Business-to-Consumer) मॉडल में प्रत्यक्ष बिक्री प्रतिबंधित है, लेकिन मिंत्रा ने कथित तौर पर इसे प्रॉक्सी सेलर्स या सहयोगी कंपनियों के जरिए घुमा दिया।
भारत सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए FDI नीति में यह साफ कर रखा है:
यदि Myntra ने इन नियमों का उल्लंघन किया है, तो यह न केवल जुर्माने बल्कि संचालन पर भी प्रभाव डाल सकता है।
इससे पहले भी कई ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे Amazon, Flipkart, और Snapdeal पर FDI नीति के उल्लंघन को लेकर सवाल उठ चुके हैं। भारत सरकार पहले भी इन कंपनियों को नोटिस दे चुकी है और समय-समय पर नियमों में बदलाव करती रही है।
“FDI नियमों का उल्लंघन एक गंभीर विषय है। ई-कॉमर्स कंपनियों को पारदर्शिता और अनुपालन के उच्च मानकों का पालन करना होगा, अन्यथा सरकार की सख्ती भविष्य में और बढ़ेगी।”
— विनोद गुप्ता, कॉर्पोरेट लॉ एक्सपर्ट
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