Online Gaming Bill पर मचा बवाल: क्या फिर लौटेगा ‘सट्टा बाज़ार’? Experts ने जताई चिंता
भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन हाल ही में प्रस्तावित Online Gaming Bill को लेकर बहस छिड़ गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह कानून कड़े नियमों के साथ लागू हुआ, तो यह न सिर्फ डिजिटल इकॉनमी की ग्रोथ को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि सट्टा (gambling) मार्केट को फिर से बढ़ावा दे सकता है।

क्यों विवादों में है Online Gaming Bill?
सरकार का तर्क है कि ऑनलाइन गेमिंग पर सख्ती से युवाओं की लत, धोखाधड़ी और पैसों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। लेकिन उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कड़े नियम स्टार्टअप्स और डिजिटल गेमिंग कंपनियों को नुकसान पहुँचाएंगे।
भारत में गेमिंग इंडस्ट्री का आकार 3 अरब डॉलर से अधिक का है और 2027 तक इसके 7-8 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। ऐसे में अगर कठोर कानून लागू हुआ, तो विदेशी निवेशक भी पीछे हट सकते हैं।
एक्सपर्ट्स की चिंताएं
- सट्टा बाज़ार की वापसी – एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदियां बढ़ती हैं, तो यूज़र्स फिर से गैर-कानूनी सट्टा मार्केट की तरफ मुड़ सकते हैं।
- डिजिटल इकॉनमी पर असर – भारत की डिजिटल इकोनॉमी में स्टार्टअप्स और गेमिंग सेक्टर अहम योगदान दे रहे हैं। नए कानून से इनका विकास रुक सकता है।
- निवेश पर ब्रेक – विदेशी निवेशक जिनका रुझान भारत की तेजी से बढ़ती गेमिंग मार्केट में था, वे अब निवेश करने से कतराएँगे।
क्या है कंपनियों का पक्ष?
- कई गेमिंग कंपनियों ने सरकार से अपील की है कि ऑनलाइन गेम ऑफ स्किल और ऑनलाइन गेम ऑफ चांस में स्पष्ट अंतर किया जाए।
- उनका मानना है कि स्किल-बेस्ड गेम्स (जैसे Fantasy Sports, Chess, Quiz Apps) को प्रतिबंधित करना सही नहीं होगा।
- अगर सही नियमन (regulation) हुआ तो यह सेक्टर न सिर्फ भारत की डिजिटल इकोनॉमी बल्कि रोज़गार और राजस्व में भी अहम योगदान दे सकता है।
आगे का रास्ता
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार को ऑनलाइन गेमिंग को पूरी तरह प्रतिबंधित करने की बजाय, इसे नियंत्रित और टैक्स-फ्रेंडली फ्रेमवर्क में लाना चाहिए।
- पारदर्शिता (Transparency)
- जिम्मेदार गेमिंग (Responsible Gaming)
- फर्जी ऐप्स और फ्रॉड रोकने के लिए कड़े कानून
यही इस सेक्टर को मज़बूत और सुरक्षित बना सकते हैं।
नतीजा
भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री आज युवाओं की पसंद और डिजिटल इकॉनमी का अहम हिस्सा बन चुकी है। लेकिन अगर Online Gaming Bill गलत दिशा में गया, तो यह न सिर्फ डिजिटल इंडिया मिशन को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि गैर-कानूनी सट्टा मार्केट को भी बढ़ावा देगा।
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