Reliance के शेयरों से ₹2.4 लाख करोड़ का नुकसान: क्या कंपनी कर पाएगी वापसी?
भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) ने पिछले एक साल में शेयर बाजार में लगभग ₹2.4 लाख करोड़ का नुकसान झेला है। निवेशकों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और आगे का रास्ता कैसा होगा। इस आर्टिकल में हम जानेंगे नुकसान की वजहें, मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ।

पिछले एक साल का प्रदर्शन
- मार्च 2024 में रिलायंस का मार्केट कैप ₹19.5 लाख करोड़ था, जो अगस्त 2025 तक घटकर ₹17.1 लाख करोड़ रह गया।
- इसी अवधि में कंपनी के शेयरों में लगभग 12% की गिरावट दर्ज हुई।
- निवेशकों की संपत्ति में सीधी चोट लगी है।
नुकसान की मुख्य वजहें
Petrochemicals और O2C बिज़नेस पर दबाव
रिलायंस का बड़ा हिस्सा अब भी ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) बिजनेस से आता है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में अस्थिरता ने मार्जिन को प्रभावित किया है।
Retail Growth में मंदी
रिलायंस रिटेल अब भी मजबूत है, लेकिन उपभोक्ता खर्च में कमी से short-term दबाव देखने को मिला है।
Telecom सेक्टर की Competition
जियो अब भी मार्केट लीडर है, लेकिन 5G rollout के खर्च और प्राइस वॉर ने margin पर असर डाला।
Global Economic Uncertainty
अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंकाओं के कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला।
निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं?
- Strong Fundamentals – रिलायंस का diversified बिजनेस model अब भी मजबूत है।
- Long-Term Growth Drivers – Green energy, डिजिटल सर्विसेज़ और रिटेल अगले 5–7 साल में कंपनी की ताकत बन सकते हैं।
- Valuation Level – मौजूदा गिरावट long-term investors के लिए entry opportunity हो सकती है।
Expert Opinion
ब्रोकरेज हाउस CLSA और Morgan Stanley का मानना है कि Reliance का शेयर अगले 12–18 महीनों में 15-20% तक recovery कर सकता है।
भविष्य की रणनीति
Green Energy Expansion
रिलायंस 2030 तक net carbon zero का लक्ष्य रखता है और इस पर भारी निवेश कर रहा है।
Retail & E-commerce Boost
JioMart और रिलायंस रिटेल ग्रोथ का नया चेहरा बन सकते हैं।
Digital Ecosystem
जियो प्लेटफॉर्म्स का digital ecosystem आने वाले वर्षों में बड़ा growth engine साबित हो सकता है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- Short Term Investors: volatility बनी रहेगी, stop-loss लगाकर ही निवेश करें।
- Long Term Investors: यह मौका है धीरे-धीरे accumulation करने का।
- New Investors: 5-7 साल का horizon रखें, तब ही बड़ा फायदा मिल सकता है।
₹2.4 लाख करोड़ का नुकसान भले ही बड़ा झटका लगे, लेकिन रिलायंस जैसी कंपनी के लिए यह स्थायी नुकसान नहीं है। कंपनी का diversified बिजनेस, future-ready strategy और मजबूत fundamentals इसे फिर से उभार सकते हैं।
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