भारतीय रुपया मंगलवार को डॉलर के मुकाबले 88.53 तक गिर गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 88.41 पर खुला और धीरे-धीरे गिरकर 88.53 तक पहुंच गया। यह पिछले बंद स्तर (88.28) से 25 पैसे कमजोर रहा।
गिरावट के मुख्य कारण
विशेषज्ञों की राय
Finrex Treasury Advisors LLP के हेड ऑफ ट्रेज़री, अनिल कुमार भंसाली ने कहा:
“RBI सीधा हस्तक्षेप बहुत सीमित कर रहा है, जिससे रुपये में उतार-चढ़ाव और भी बढ़ सकता है। रुपये ने अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले भी नया निचला स्तर छुआ है।”
फॉरेक्स ट्रेडर्स का मानना है कि डॉलर की मांग लगातार बढ़ रही है जबकि IPO से मिले लगभग ₹7,500 करोड़ के डॉलर भी बाज़ार में बड़े पैमाने पर डॉलर खरीदारी में समा गए।
वैश्विक हालात
शेयर बाजार पर असर
सरकार की पहल
इस बीच, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी व्यापार अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए अमेरिका दौरे पर हैं। उद्देश्य है:
उनके साथ विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अन्य अधिकारी भी इस दौरे में शामिल हैं।
निवेशकों और आम जनता पर असर
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. रुपया किस स्तर तक गिरा है?
रुपया मंगलवार को डॉलर के मुकाबले 88.53 तक गिरा, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।
Q2. गिरावट की वजह क्या है?
अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी, H-1B वीज़ा शुल्क में बढ़ोतरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली।
Q3. क्या RBI हस्तक्षेप कर रहा है?
हां, RBI डॉलर बेचकर स्थिरता लाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसका हस्तक्षेप सीमित है।
Q4. आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा?
आयातित वस्तुएं महंगी होंगी, महंगाई बढ़ सकती है और डॉलर से जुड़े खर्चे (जैसे विदेश यात्रा, पढ़ाई) और भी महंगे होंगे।
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