Rupee sinks to record low: डॉलर के मुकाबले ₹88.44 पर पहुँचा रुपया, US टैरिफ दबाव से नाजुक बनी स्थिति

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भारतीय रुपया (Indian Rupee) आज डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर ₹88.44 पर पहुँच गया। लगातार बढ़ते US टैरिफ प्रेशर (Tariff Pressure) और विदेशी निवेश की निकासी ने रुपया को कमजोर बना दिया है।

Rupee गिरने के मुख्य कारण

  1. अमेरिकी टैरिफ तनाव (US Tariff Tensions) – अमेरिका ने हाल ही में भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जिससे निर्यात पर दबाव पड़ा।
  2. विदेशी निवेशकों की निकासी – अनिश्चित माहौल के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाज़ार से पैसा निकाल रहे हैं।
  3. डॉलर की मजबूती – डॉलर इंडेक्स के मज़बूत होने से रुपया और दबाव में आ गया।
  4. आरबीआई हस्तक्षेप सीमित – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) समय-समय पर हस्तक्षेप कर रहा है, लेकिन प्रभाव सीमित दिखा।

गिरावट का असर

  • निर्यातकों पर बोझ – IT, टेक्सटाइल और ज्वैलरी सेक्टर को नुकसान।
  • मुद्रास्फीति का खतरा – आयातित कच्चा तेल और इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे हो सकते हैं।
  • स्टॉक मार्केट अस्थिर – रुपया कमजोरी से Sensex और Nifty में उतार-चढ़ाव बढ़ा।

आगे की राह

  • अगर US-India Trade Talks में सकारात्मक नतीजे आते हैं तो रुपया संभल सकता है।
  • अमेरिकी Federal Reserve ब्याज दरों में कटौती करता है तो डॉलर की मजबूती कम होगी।
  • भारत सरकार और RBI मिलकर अतिरिक्त कदम उठा सकते हैं ताकि बाज़ार स्थिर रहे।

निष्कर्ष

रुपया का ₹88.44 का स्तर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चेतावनी है। जब तक US Tariff Pressure और विदेशी निवेशक भावना में सुधार नहीं आता, रुपया की स्थिति नाजुक बनी रहेगी।

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