SEBI बोर्ड की बैठक आज: IPO नियमों से लेकर FPI रूल्स तक – 5 बड़े एजेंडे टेबल पर
मुंबई, 12 सितंबर 2025 – भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की बोर्ड मीटिंग आज हो रही है। इस बैठक में IPO नियमों में बदलाव, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के लिए SWAGAT-FI सिस्टम, AIF (Alternative Investment Funds) सुधार और REITs/InvITs को इक्विटी दर्जा देने जैसे प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।

SEBI बोर्ड मीटिंग के 5 मुख्य एजेंडे
1. IPO Norms में बदलाव
- बड़े-कॅप कंपनियों (₹50,000 करोड़ से ऊपर) के लिए IPO में Minimum Public Offer (MPO) और Minimum Public Shareholding (MPS) नियमों में ढील।
- कंपनियों को सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अधिक समय दिया जा सकता है।
2. SWAGAT-FI: विदेशी निवेशकों के लिए नया सिस्टम
- “Single Window Automatic & Generalised Access for Trusted Foreign Investors (SWAGAT-FI)” के ज़रिए low-risk FPIs को आसान और तेज़ पंजीकरण मिलेगा।
- इसमें sovereign wealth funds, pension funds और बीमा कंपनियाँ शामिल होंगी।
3. Alternative Investment Funds (AIFs) में सुधार
- Accredited Investors से जुड़े नियमों में लचीलापन।
- AIF निवेशकों का दायरा बढ़ाने और निवेश को सरल बनाने की तैयारी।
4. REITs और InvITs को इक्विटी का दर्जा
- SEBI इन वैकल्पिक निवेश ट्रस्ट्स को equity-like instruments का दर्जा देने पर विचार कर रहा है।
- इससे म्यूचुअल फंड्स और अन्य निवेशकों के लिए REITs/InvITs में निवेश करना आसान होगा।
5. अन्य सुधार प्रस्ताव
- सार्वजनिक हिस्सेदारी (MPS) पूरी करने की समय सीमा बढ़ाना।
- रेटिंग एजेंसियों की कार्यप्रणाली में सुधार।
- Compliance प्रक्रिया को कम जटिल बनाना।
निवेशकों और मार्केट पर असर
- IPO Market: बड़े IPO आसान हो जाएंगे और कंपनियाँ निवेशकों को धीरे-धीरे हिस्सेदारी दे सकेंगी।
- FPIs: विदेशी निवेशकों के लिए भारत का बाज़ार और आकर्षक होगा।
- REITs/InvITs: इक्विटी दर्जा मिलने से real estate और infrastructure सेक्टर में निवेश बढ़ेगा।
- निवेशक भरोसा: Compliance कम होने से मार्केट में तेजी आ सकती है, लेकिन निगरानी भी मजबूत रखनी होगी।
आगे की राह
- कई प्रस्तावों को SEBI बोर्ड सीधे मंज़ूरी दे सकता है।
- कुछ प्रस्ताव सार्वजनिक चर्चा (public consultation) के बाद लागू होंगे।
- अगर ये बदलाव आते हैं, तो आने वाले महीनों में IPO मार्केट, विदेशी निवेश और REITs/InvITs सेक्टर में नई गतिविधियाँ देखने को मिलेंगी।
निष्कर्ष
SEBI Board Meeting 2025 निवेशकों और कंपनियों दोनों के लिए अहम है। IPO norms से लेकर FPI rules और REITs/InvITs तक बदलाव भारतीय पूँजी बाज़ार की पारदर्शिता और लचीलापन बढ़ा सकते हैं।
