टैरिफ अनिश्चितता से शेयर बाजार ध्वस्त: Sensex 700 अंक लुढ़का, Nifty 1% टूटा, स्मॉल और मिडकैप में बिकवाली

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भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को जोरदार गिरावट दर्ज की। टैरिफ और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ा। Nifty 1% टूटा और 24,800 अंकों के नीचे बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 700 अंक लुढ़ककर 81,000 के स्तर से नीचे चला गया। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखा गया, जिससे निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये की मार्केट कैपिटलाइजेशन एक ही दिन में डूब गई।

प्रमुख इंडेक्स का हाल

  • सेंसेक्स 700 अंक गिरकर 80,950 पर बंद हुआ।
  • निफ्टी 50 240 अंकों की गिरावट के साथ 24,750 के करीब बंद हुआ।
  • बैंक निफ्टी में भी बिकवाली हुई और यह 52,500 अंक से नीचे चला गया।
  • स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में 2% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जो इस करेक्शन का सबसे बड़ा झटका रहा।

कौन बने गेनर्स?

बाजार की भारी गिरावट के बावजूद कुछ चुनिंदा स्टॉक्स हरे निशान में टिके रहे।

  • आईटी सेक्टर में हल्की मजबूती देखी गई क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने इन कंपनियों के मार्जिन को सहारा दिया।
  • FMCG और फार्मा शेयरों में भी थोड़ी खरीदारी हुई, क्योंकि इन्हें सुरक्षित निवेश (safe haven) माना जाता है।

टॉप लूजर्स

गिरावट की लिस्ट में सबसे आगे स्मॉल और मिडकैप शेयर रहे।

  • पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट, और मेटल स्टॉक्स पर सबसे ज्यादा दबाव देखा गया।
  • निवेशकों ने खासतौर पर उन शेयरों से पैसा निकाला जिनमें पिछले कुछ महीनों में तेज तेजी आई थी।

सेक्टोरल परफॉर्मेंस

  • बैंकिंग सेक्टर: प्राइवेट और सरकारी बैंकों में बिकवाली।
  • मेटल सेक्टर: वैश्विक टैरिफ चिंताओं के कारण भारी नुकसान।
  • रियल एस्टेट: महंगाई और ब्याज दरों की चिंता से दबाव।
  • आईटी और फार्मा: सुरक्षित विकल्प के तौर पर हल्की तेजी।

गिरावट की मुख्य वजहें

  1. वैश्विक टैरिफ अनिश्चितता – अमेरिका और चीन की नीतियों को लेकर निवेशकों में डर।
  2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली – एफआईआई ने भारी पैमाने पर शेयर बेचे।
  3. रुपये में कमजोरी – डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से विदेशी निवेश प्रभावित।
  4. मुनाफावसूली – हाल ही में बाजार में रिकॉर्ड तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफा बुक किया।

निवेशकों के लिए संकेत

  • यह गिरावट लंबे समय तक नहीं रह सकती, लेकिन शॉर्ट टर्म में अस्थिरता बढ़ेगी।
  • सुरक्षित सेक्टर जैसे FMCG, आईटी और फार्मा पर ध्यान देना बेहतर रणनीति हो सकती है।
  • लॉन्ग टर्म निवेशक इस करेक्शन को खरीदारी के अवसर के रूप में देख सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय

  • ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि निफ्टी में 24,500–24,600 का स्तर मजबूत सपोर्ट रहेगा।
  • अगर यह लेवल टूटता है तो गिरावट और गहरी हो सकती है।
  • वहीं, सेंसेक्स के लिए 80,500 का स्तर अहम माना जा रहा है।
  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लोबल क्लूज और एफआईआई के ट्रेंड्स ही आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगे।

गुरुवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए निराशाजनक रहा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख इंडेक्स गहरे लाल निशान में बंद हुए और स्मॉल-मिडकैप शेयरों की बिकवाली ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है और लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था और कॉर्पोरेट अर्निंग्स मजबूत बनी हुई हैं। ऐसे में समझदारी से निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह करेक्शन सुनहरा मौका साबित हो सकता है।

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