भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को जोरदार गिरावट दर्ज की। टैरिफ और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ा। Nifty 1% टूटा और 24,800 अंकों के नीचे बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 700 अंक लुढ़ककर 81,000 के स्तर से नीचे चला गया। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखा गया, जिससे निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये की मार्केट कैपिटलाइजेशन एक ही दिन में डूब गई।
प्रमुख इंडेक्स का हाल
कौन बने गेनर्स?
बाजार की भारी गिरावट के बावजूद कुछ चुनिंदा स्टॉक्स हरे निशान में टिके रहे।
टॉप लूजर्स
गिरावट की लिस्ट में सबसे आगे स्मॉल और मिडकैप शेयर रहे।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस
गिरावट की मुख्य वजहें
निवेशकों के लिए संकेत
विशेषज्ञों की राय
गुरुवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए निराशाजनक रहा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख इंडेक्स गहरे लाल निशान में बंद हुए और स्मॉल-मिडकैप शेयरों की बिकवाली ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है और लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था और कॉर्पोरेट अर्निंग्स मजबूत बनी हुई हैं। ऐसे में समझदारी से निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह करेक्शन सुनहरा मौका साबित हो सकता है।
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