Zomato ने बढ़ाई प्लेटफ़ॉर्म फ़ी: क्या खाने से भी ज़्यादा लगने लगेगा बिल?
त्योहारों के सीज़न को देखते हुए Zomato ने अपनी प्लेटफ़ॉर्म फ़ी को ₹10 से बढ़ाकर ₹12 प्रति ऑर्डर कर दिया है — एक लगभग 20% की बढ़ोतरी । 2023 में मात्र ₹2 से शुरू हुई यह फ़ी अब कई गुना बढ़ चुकी है, जिससे ग्राहक काफी नाराज़ हैं।

बढ़ोतरी की वजह और असर
- लाभ बढ़ाने का रणनीतिक कदम – Zomato ने इस बदलाव को त्योहारों के दौरान बढ़ती मांग को देखते हुए अपनाया है, जिससे कंपनी को प्रत्येक ऑर्डर पर अधिक आमदनी हो सके ।
- व्यापक असर – लगभग सभी शहरों में लागू यह फ़ी Gold सदस्यता वाले ग्राहकों को भी दी जाती है, इससे कोई बचाव नहीं ।
- स्विगी का भी कदम – बेंगलुरु और दिल्ली जैसे क्षेत्रों में Swiggy ने भी अपनी प्लेटफ़ॉर्म फ़ी ₹14 तक बढ़ा दी है ।
ग्राहकों की सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
“Soon platform fee will be more than the food order.”
“Zomato increases platform fee by Rs 2… translates to ₹15 cr incremental revenue per month and ₹180–200 cr yearly.”
“Uninstall these apps… They add platform fee, delivery charges, GST — ₹100 का ऑर्डर ₹120 या ₹130 तक पहुँच जाता है।”
“Either Zomato thinks the consumer is stupid, or they just don’t care anymore…”
ग्राहक स्पष्ट रूप से यह महसूस कर रहे हैं कि बढ़ते शुल्क की लागत जल्द ही खाने वाले व्यंजन से भी अधिक हो सकती है।
कंपनी के वित्तीय हालात और लाभ रणनीति
- लगभग 2.3–2.5 मिलियन ऑर्डर्स दैनिक की मात्रा पर फ़ीस बढ़ाने से Zomato को ₹3 करोड़ प्रतिदिन तक का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है; पहले यह ₹2.5 करोड़ था ।
- नुकसान से जूझता बोर्ड – Q1 FY26 में Eternal (Zomato की पैरेंट कंपनी) ने 90% YoY गिरावट के साथ ₹25 करोड़ का शुद्ध लाभ रिपोर्ट किया, बावजूद इसके 70% राजस्व वृद्धि हुई है ।
- गतिशील रणनीतियाँ – Zomato ने ‘VIP Mode’ (₹50 फीस पर तेज डिलीवरी) और long-distance surcharges जैसे कदम भी उठाए हैं ।
₹2 की मामूली सी फ़ीस बढ़ोतरी हालांकि छोटी लग सकती है, लेकिन इससे Zomato को त्योहारों के सीज़न में बड़े पैमाने पर अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है। वहीं, ग्राहक यह चिंतन कर रहे हैं कि क्या ये बढ़ते शुल्क अंततः खाने की कीमत से ज़्यादा भारी पड़ने वाले हैं।
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